गाँधी जी ने अपना अपराध स्वीकार किया और उन्होंने सारी बात एक कागज में लिखकर पिताजी को बता दी. व्यक्ति गुस्से से तिलमिला उठा और बोला तुम्हें पता नहीं की मुझे बड़ा काम करने जाना है, बड़ा आदमी बनना है, मुझे जरा जल्दी है। आम का मोह – ज्ञानवर्धक प्रेरणादायक https://web-series-news-in-hindi79531.westexwiki.com/1175086/an_unbiased_view_of_ट_व_स_र_यल_अपड_ट